‘वैदिक पंचगव्य गुरुकुल’ की भूमिका
समस्त मानवजाति के सरंक्षण एवं पर्यावरण हेतु ‘वैदिक पंचगव्य गुरुकुल’ भारतवर्ष के पूजनीय संत महात्माओ, गौ वैज्ञानिको , गौसेवको एवं अमर...
समस्त मानवजाति के सरंक्षण एवं पर्यावरण हेतु ‘वैदिक पंचगव्य गुरुकुल’ भारतवर्ष के पूजनीय संत महात्माओ, गौ वैज्ञानिको , गौसेवको एवं अमर...
आ गावो अग्मन्नुत भद्रमक्रन्त्सीदन्तु गोष्ठे रणयन्त्वस्मे। प्रजावतीः पुरूरूपा इद स्युरिन्द्राय पूर्वीरूषसो दुहानाः।। ‘गौओंने हमारे यहां आकर हमारा कल्याण किया है।...
माता रूद्राणां दुहिता वसूनां स्वसादित्यानाममृतस्य नाभिः। प्र नु वोचं चिकितुषे जनाय मा गामनागामदितिं वधिष्ट।। अर्थ : ‘गौ रूद्रोंकी माता, वसुआों...
अर्थ - गौमाता बोली मेरे बछडे ही हल जोतते हैं, कृषि करके भूमि को संवारते है| अन्न पैदा करके प्राणियों...
औदुंबर विस्तार केंद्र के जनवरी से मई तक हुए विद्यार्थियों का को वैदिक पंचगव्य विस्तार केंद्र , औदुंबर, महाराष्ट्र में...
इस भाग में भारत के प्रान्त में स्थानिक भाषा में पढाई होने वाले गुरुकुल विस्तार की जानकारी दी गयी है...
1. शारीरिक गठन - सुडौल, चिकना, मोटा शरीर होता है, इन्हें सर्दी कष्ट देती है । 2. वर्ण - गोरा...
1. शारीरिक गठन - नाजुक शिथिल शरीर होता है इन्हें गर्मी सहन नहीं होती । 2. वर्ण - पीला 3....
1. शारीरिक गठन - वात प्रकृति का शरीर प्राय: रूखा, फटा-कटा सा दुबला-पतला होता है, इन्हें सर्दी सहन नहीं होती।...