January 23, 2025

Krushi

“कृषक खेत हल बैल चलावा | सस्य स्यामला धरनी बनावा || अन्न उपजि करि छुधा मिटावा | उर संतोष मुदित मन पावा ||”

अर्थ - गौमाता बोली मेरे बछडे ही हल जोतते हैं, कृषि करके भूमि को संवारते है| अन्न पैदा करके प्राणियों...

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