January 23, 2025

Sukt

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आ गावो अग्मन्नुत भद्रमक्रन्त्सीदन्तु गोष्ठे रणयन्त्वस्मे। प्रजावतीः पुरूरूपा इद स्युरिन्द्राय पूर्वीरूषसो दुहानाः।।

आ गावो अग्मन्नुत भद्रमक्रन्त्सीदन्तु गोष्ठे रणयन्त्वस्मे। प्रजावतीः पुरूरूपा इद स्युरिन्द्राय पूर्वीरूषसो दुहानाः।। ‘गौओंने हमारे यहां आकर हमारा कल्याण किया है।...

माता रूद्राणां दुहिता वसूनां स्वसादित्यानाममृतस्य नाभिः। प्र नु वोचं चिकितुषे जनाय मा गामनागामदितिं वधिष्ट।।

माता रूद्राणां दुहिता वसूनां स्वसादित्यानाममृतस्य नाभिः। प्र नु वोचं चिकितुषे जनाय मा गामनागामदितिं वधिष्ट।। अर्थ : ‘गौ रूद्रोंकी माता, वसुआों...

“कृषक खेत हल बैल चलावा | सस्य स्यामला धरनी बनावा || अन्न उपजि करि छुधा मिटावा | उर संतोष मुदित मन पावा ||”

अर्थ - गौमाता बोली मेरे बछडे ही हल जोतते हैं, कृषि करके भूमि को संवारते है| अन्न पैदा करके प्राणियों...

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